बचपन
पता नहीं आप में किस किस ने बचपन में वो कहानी पढ़ी है या नहीं जिसमें एक छोटा बच्चा अपने पिता के साथ कहीं घूमने जा रहा होता है, रास्ते में उसे दूरी बताने वाले पत्थर पर लिखे अंको को लेकर जिज्ञासा होती है तो उसके पिता अंको का ज्ञान सिखाते हैं. यात्रा के आखिर में वो बच्चा सभी अंको को सीख लेता है। मुझे ये कहानी बहुत प्रेरित करती कि आखिर कैसे… खैर वो बच्चा आगे चल कर भारतीय इतिहास के एक प्रसिद्ध हस्ती बना…
भला बताओ वो कौन था?
अतीत तो हमेशा ही सुखद लगता है वो भी क्या दिन थे। बच्चे पिता की अंगुली पकड़ कर लंबी दूरी घूमते थे और सफर में ही गिनती सीख लिया करते थे।
© आशीष कुमार, उन्नाव।