letter in Kadambini

मंच 
कादम्बिनी का “अपनी अपनी आजादी ” पर क्रेन्द्रित अगस्त 2018 अंक पढ़ा। इस पत्रिका का काफी पुराना पाठक हूँ पर पत्र पहली बार लिख रहा हूँ। कादम्बिनी पत्रिका समकालीन समय में प्रकाशित होने वाली पत्रिकाओं में कई मायनों में अनूठी है। विषयवस्तु के अनुरूप गंभीर , शोधपरक लेखों के साथ , संवेदनाओं से पूरित साहित्यिक कहानियों तथा रोचक नियमित स्तंभ, इस पत्रिका को सर्वश्रेष्ठ बनाते है। इस अंक में आजादी के सही मायने क्या है और हो सकते है , समग्रता से विमर्श किया गया है। अलविदा कहानी बहुत पसंद आयी।  
आशीष कुमार , 
उन्नाव, उत्तर प्रदेश    

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