Indian Agriculture & pre mansoon

भारतीय कृषि तथा मानसून 
भारत एक कृषि प्रधान देश है. भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी अभी भी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। भारत की कृषि में वर्षा का यानि अच्छे व समय से आये मानसून का बहुत महत्व है। इस साल समय से पहले मानसून आना , भारत की अर्थव्यस्था के लिए शुभ संकेत है। इसमें बंगाल की खाड़ी में आये  मोरा चक्रवात की भूमिका भी मानी जा रही है। 
भारत विश्व के उन गिने चुने देशो में एक है जहां पर अच्छी बारिश होती है। इसके बावजूद कई दशकों से , तकनीकी व आर्थिक प्रगति के बावजूद भारत में वर्षा जल के सही प्रबंधन का अभाव देखा जा सकता है। हर साल बाढ़ व सूखा से देश के कई राज्य एक साथ जूझते है। बाढ़ व सूखा से निपटने के लिए बहुत सी योजनाये बनाई गयी है , इसके बावजूद हर साल इन आपदाओं के चलते बड़ी मात्रा में जान , माल की हानि होती है। 
वर्षा जल का सही प्रयोग देश की अर्थव्यस्था में काफी योगदान दे सकता है। आने वाले समय में जल संकट बढ़ता जायेगा। कुछ विद्वानों का अनुमान है कि जल संकट को लेकर तीसरा विश्व युद्ध भी हो सकता है। इस लिए भारत को अपनी विशेष अवस्थिति का गहनता से लाभ उठाने के लिए वर्षा जल का सर्वोत्तम तरीके से प्रबंधन करना चाहिए। भारत इस संदर्भ में इजरायल से काफी सीख ले सकता है जहाँ पर बहुत सीमित वर्षा होती है। इजरायल ने वर्षा जल प्रबंधन की नवाचारी , वहनीय तकनीक विकसित की है। आशा की जानी चाहिए कि भारत इस सदर्भ में पूर्व के सबक लेते हुए , इस गंभीर विषय में उचित कदम उठाएगा।  
आशीष कुमार 
उन्नाव , उत्तर प्रदेश।  

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