The Hindu : is it Compulsory for ias preparation

क्या ” हिन्दू” पढ़ना अपरिहार्य है ?

सिविल सेवा के बारे में जानकारी जुटाने के साथ ही आपका परिचय ” हिन्दू ” से हो जाता है।  एक ऐसा newspaper जिसे रामबाण माना जाता है। जिसकी कीमत सामान्य से तीन गुना ज्यादा है और एक मात्र ऐसा समाचार पत्र जिसको कुछ शहरों में एक दिन पुराना होने के बावजूद 15 रुपए में भी बेचा जा सकता है। हमारे ahmedabad में यही दशा है एक दिन पुराना और कीमत सामान्य पेपर से ५ गुना अधिक। जिसको पढ़ने में 4 घंटे लगते है ( कुछ मित्रो के अनुभव के आधार पर ) . फिर भी सफल होना है तो पढ़ना है इसे। पर उनका क्या जिनकी इस तक पहुच नही है जिनके पास english में इतनी दक्षता नही है कि इसे 1 घंटे में समाप्त कर सके
आज कुछ इस रामबाण के विकल्प के बारे में बातचीत करते है। पहले ही बता दू कि हिन्दू का सच में विकल्प है नही। पर कुछ हद तक उसकी पूर्ति ऐसे कि जा सकती है।
पत्र सुचना कार्यालय (PIB) की वेबसाइट पर नियमित जाते रहे रहे। वहा काफी अच्छे लेख मिल जायेगे।
हिदू पेपर के बाद INDIAN EXPRESS  को महत्वपूर्ण माना जाता है उसमे भी EDITORIAL  हिन्दू जैसे ही मिल जायेगे (अफ़सोस यह पेपर भी इंग्लिश में है पर कीमत सामान्य है।  इसी ग्रुप का एक पेपर आता है जनसत्ता। मेरी समझ से उस पेपर की गुणवत्ता बहुत अच्छी है ) अफ़सोस यह है कि इन पेपर तक बहुत कम लोग ही पहुच पाते है।
 हिंदी समाचार पत्रों से मै काफी दिनों से दूर हु इस लिए पता नही कि उसमे कोई अपने मतलब का छप रहा है या नही। पहले तो उसके सम्पादकीय सिर्फ POLITICAL ISSUE पर हुआ करते थे। 

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