Maila Anchal : by renu

 मैला आँचल 







  • फणीश्वर  नाथ रेणु  द्वारा रचित 1954 में PUBLISHED 
  • कथानक – बिहार के पूर्णिया जिला का मेरीगंज गावं 
  •  ” इसमें फूल भी है शूल भी , धूल भी , गुलाब भी , कीचड़ भी चन्दन भी सुंदरता भी है , कुरूपता भी – मै  किसी से दामन  बचाकर निकल नहीं पाया ” 
  • ” अरे , जात -धरम ! फुलिया तू हमारी रानी है , तू हमारी जाति , तू ही धरम , सबकुछ —” सहदेव मिसिर फुलिया से।  देह भोग के लिए है। तुलनीय गोदान की  सिलिया -मातादीन 
  • आंचलिक LANGUAGE वहां की संस्कृति को दर्शाता है।
  • लोक गीत , लोक उत्सव की बहुलता -बिदापत नाच , बिदेशिया , सदाब्रिज -सुरंगा की कथा, फगुआ गीत , बौडवा , चैती  , ‘ सिरवा पर्व ‘ , ‘ बधना पर्व ( संथाल ) , जाट – जट्टिन  ( वर्षा के लिए आयोजन ), बारहमासा , भकतिया ( मृदंग पर देवी का गीत )
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  • ” ऐसी मचाओ होरी हो, कनक भवन श्याम मचाओ होरी ”  
  • अंधविस्वास – गणेशी की नानी डायन 
  • “भारत माता अब भी रो रही हैं बालदेव ”  बावनदास  वजह दुलार चंद्र  कापरा जैसे डाकू स्मगलर लोग कटहा थाने का सिकेटरी हो गया है।  चुन्नी गोसाई , सोसलिस्ट पार्टी में चला जाता है 
  • बावनदास जैसा त्यागी आदमी की आत्मा -जलेबी और तारावती देवी की देह भोगने के लिए लालायित हो जाता है – इसीलिए मैला आँचल  में धूल है , कीचड़ है।  
  • ऊपरी INCOME की बात गोदान में भी है , यहां भी है – ” देवनाथ मल्लिक सिर्फ ५ रूपया माहवारी पर बहाल  हुए थे।  लेकिन ऊपरी आमदनी ? तीन साल बीतते -२ असि  नब्बे बीघे धनहर जमीन के मालिक बन गए थे।  ऊपरी आमदनी ही असल आमदनी है।  
  • बेगारी – मारपीट – ” मारो साले  को दस जूता ” 
  • बेवजह की मुकदमेबाजी , रिश्वतबाजी 
  • ” पुराने तहसीलदार ( विश्वनाथ ) यदि नागनाथ थे तो यह नया तहसीलदार-हरगौरी  सपनाथ है। ” 
  •  ” हुजूर , लड़की की जात बिना दवा -दारू के ही आराम हो जाती है। ”  बूढ़ा – 
  • वर्णनात्मक शैली , कहीं कहीं पर  छोटे छोटे संवाद के माध्यम से कथानक आगे बढ़ता है 
  •   ” साला दुसाध , घोड़ी पर चढ़ेगा ! ” टहलू पासवान के गुरु को सिंह जी गिरा कर जुटे मारने लगे। जातिगत शोषण 
  • ममता के LETTER में उस समय  CITY के चित्र दिखलाया गया है -” महराज महता की बेटी जो पिछले साल दूध पीने आती थी और ताली बजा कर नाचती थी——पोलिस ने ‘सिटी ‘ के एक पार्क में उसे कराहते हुए पाया— फूलमतिया का बयान है – टेढ़ी नीम गली के पास एक मोटर गाड़ी रुक गयी और दो आदमियों ने पकडकर उसे मोटर में बिठा दिया — बड़े बड़े बाबू लोग थे ! ”   उस समय और आज के TIME में कोई बदलाव नही दिखता— 
  • ‘ विदेशी WINE की दस दुकाने खुल गयी है ‘ 
  • अमलेश सिन्हा अपनी ही चचेरी बहन वीणा के पीछे हाथ धोकर पीछे पड़ गया 
  • मगला देवी – ‘ अबला नारी हर जगह अबला ही है।  रूप और जवानी ? … नही यह भी गलत  औरत होना चाहिए , रूप और उम्र की कोई कैद नही — एक असहाय औरत देवता ने संरक्षण में भी सूख -चैन से नही सो सकती। मंगलादेवी के लिए जैसा घर वैसा बाहर – 
  • ” अरे, कांग्रेसी राज है तो क्या जमीदारो को घोलकर पी जायेगा ?” हरगौरी 
  • संथाल टोली में मादल  बज रहा है – डा डिग्गा , डा डिग्गा  ! रि  रि  ता धिन ता !
  • ” गरीबी और जहालत – इस रोग के दो कीटाणु है – डॉ प्रशांत 
  • घाघ की सूक्ति – मुसिन पूछे मुस से कहाँ के  रखबधन ” 

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