Payment Bank


भुगतान बैंक

भुगतान बैंक में बैंकिंग प्रणाली की सभी विशेषतायें नही होती।एक अधिकृत भुगतान बैंक केवल जमाये स्वीकार( केवल चालू खाता तथा बचत खाता)करता है तथा पैसे भेजने में मदद करता है। ये कभी भी उधार की सुविधा प्रदान नही करता है।इन बैंको की स्थापना भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए की गई है ।
इसका प्रमुख लक्ष्य स्थानांतरित श्रमिक तथा असंगठित समूह के कर्मचारियों छोटे व्यापारी तथा निम्न आय वाले लोग हैं।
नचिकेत मोर कमेटी की अनुसंशाओं पर भुगतान बैंको की स्थापना का निर्णय लिया गया।

नियम-
1.न्यूनतम पूंजी -100 करोड़ रुपए
2.प्रथम 5 वर्षों के लिए प्रवर्तकों का हिस्सा कम से कम 40% हो,10 वर्षो तक 30%तथा 12 वर्षों तक 26%हो
3.निजी बैंको पर लागू विदेशी प्रत्यक्ष निवेश से सम्बंधित नियम समान रूप से लागू
4.वोट के अधिकार का प्रयोग से सम्बंधित नियम आर बी आई द्वारा नियमित किये जाते है।
5. 5% से अधिक के किसी भी अधिग्रहण में आर बी आई की अनुमति अनिवार्य
6.डायरेक्टर की नियुक्ति आर बी आई के दिशा निर्देश के अनुसार की जायेगी।
7.ये बिल स्वीकार कर सकता है।
8. ये गैर बैंकिंग गतिविधियों के लिए सहायक कंपनी नही रख सकते।
9. भुगतान बैंकक ग्राहक से 1 लाख से अधिक जमा स्वीकार नही कर सकते।
10.इन्हें ‘भुगतान बैंक’ शब्द का प्रयोग करना अनिवार्य है ताकि ये अन्य बैंको से भिन्न प्रतीत हों।
11. बैंक डेबिट कार्ड जारी कर सकते है लेकिन क्रेडिट कार्ड नही।
12. भुगतान बैंक को सीआरआर तथा एसएलआर को बनाये रखना होता है अन्य सभी बैंको की तरह।
13. भुगतान बैंक किसी व्यापारिक बैंक के सहायक के रूप में हो सकते है


दो शब्द आधी आबादी के नाम

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *