Some lines
अहा जिंदगी का सितम्बर 16 का अंक पढ़ा । उसमें कुछ बहुत अच्छी लाइन्स मिली । 1 तू अपनी आवाज में गुम है , मैं अपनी आवाज में चुप दोनों बीच खड़ी है दुनिया आईना ए अल्फाज में चुप – उबैदुलाह अलीम 2 समाज सामाजिक संबधो का जाल है – मैकाइवर और पेज 3 शब्द […]