मेरी कलम से

Beggary in india

भीख : कुछ विचार  मै और मनोज सुबह नास्ता करने के लिए निकले। गुरकुल रोड (अहमदाबाद) में एक हनुमान जी का मंदिर है। उसी के पास  रोड पर ही भिखारिन बैठी थी। सामने मंदिर से एक  युवती निकली। मैंने उत्सुकतावश वहा नज़र टिका दी कि देखे कितने रूपये देती है। युवती ने 500 रूपये का नोट उस […]

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SAVE MONEY EARLIER, ENJOY LIFE IN FUTURE

                       अपनी संस्कृति में बहुत सी अच्छी बाते है। हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि बुजुर्गो का कहना मानना चाहिए। मुझे एक सज्ज्न की दी हुई सीख बहुत प्रभावी लगी।  शायद यह आपको भी बहुत अच्छी लगी ।          

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लघु कथाः गिरगिट

लघु कथाः गिरगिट आशीष कुमार गिरगिट आमतौर पर पेड़ों या झाडि़यों पर नजर आता है, पर उस दिन सिंह साहब के लाॅन में जाने कहाॅ से आ गया था। उस समय सिंह साहब लाॅन में बैठकर एक गभ्भीर समस्या पर विचार कर रहे थे। सुबह पत्नी का नर्सिंग होम से फोन आया था, कह रही

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लग्गड़ की दौड़

लग्गड़ की दौड़ आशीष कुमार              राग दरबारी में एक पात्र है लग्गड़। जो कि तहसील में एक दस्तावेज की नकल पाने के लिये महीनों चक्कर लगाता है। नकल देने वाला बाबु कुछ रिश्वत की माॅग करता है न मिलने पर लग्गड़ को चक्कर लगवाता रहता है।      

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संत और बेरोजगार

               बहुत रोज से कुछ लिखना चाह रहा था पर लिख न पा रहा हॅू क्योंकि अब चिंतन मनन के लिये समय न मिल पाता है। कुछ पुरानी प्रकाशित रचनाओं को ही सोचा डिजटिल रूप में एकत्र कर लूॅ।इसी कडी़ में एक लघु कथा प्रस्तुत है। यह दैनिक जागरण

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Change In Hindi Language

पिछले दिनों जब घर  उन्नाव गया तो पड़ोस के एक मित्र ने कहा और ब्रो …….. जब तक मै कुछ समझता बन्धुवर ने पूछा कैसे हो डयूड………। अब भाषा का ऐसा रूप देख कर बडा़ आश्चर्य हुआ। मुझे लगा मै रहता हूॅ मेगा सिटी में तो बन्धु मुझसे इतनी अपेक्षा तो कर ही सकते थे

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