kvita

with my eyes

मेरी नजर में तुम  तुम्हारी सूरत जैसे सौम्य मूरत तुम्हारी आँखे मीठा सा शर्बत तुम्हारी नजर कतई जहर तुम्हारे काले बाल जैसे रेशमी जाल तुम्हारी मुस्कान बसती मेरी जान तुम्हारे लब लाल गुलाब तुम्हारी सांसे  दहकती आग तुम्हारी बातें शुद्ध शहद तुम्हारी कमर नदी का मोड़ तुम्हारे पाव  पीपल की छांव  तुम्हारा बदन अनमोल रतन […]

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AKELE ME

अकेले में  पहले के दिनों में जब भी अकेले होता मिलता स्व से  करता चिंतन, मनन व आत्मावलोकन। इन दिनों जबकि मैं  आपके प्रेम में हूँ, अकेले में मेरे विचारों  का क्रेंदबिंदु केवल व केवल आपका ही ख्याल आता हैं। अकेले में  बुनता हूँ तुमसे जुड़े  तमाम ख्वाब हवा देता हूँ  तमाम कल्पनाओं को अकेले

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Talk vs meeting

बात बनाम मुलाकात प्रियतमा  तुमने जो कहा बात होते रहने  जरूरी है बेहद मैंने कहा बात के साथ मुलाकात भी जरूरी है समय समय पर बात होने पर भले ही तुम्हारे मधुर शब्द मेरे अंतस में घोलते है प्रेमरस पर मुलाकात होने पर तुम्हें नजरों से छुआ जा सकता है आँखों से पिया जा सकता

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Media reality

हरकारा सनसनी को समाचार बनाकर दिखला रहा है हरकारा हत्याओं से नही हत्यारों से नहीं हत्याओं से भरे समाचारों के कम बिकने के आसरो से घबरा रहा है हरकारा सुल्तान अहमद की कविता

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