Letter in Sarita
बुद्धिजीवियों के विचारों पर पहरेदारी देश की सर्वश्रेष्ठ वैचारिक पत्रिका सरिता के अक्टूबर (प्रथम ) 2018 अंक में भारत भूषण जी के लेख को पढ़ा। समकालीन समय की विसंगति को यह लेख बखूबी दिखलाता है। निश्चित तौर पर अभिव्यक्ति की आजादी, ही किसी देश के लोकत्रांत्रिक मूल्यों का सही मायने में पैमाना होती है। देश के […]
