unnao

उन्नाव की कुछ यादें

    अतीत बड़ा सम्मोहक होता है। यूँ तो उन्नाव को छोड़े बरसों बीत गए। पहले अहमदाबाद के दिनों में कानपुर होते हुए घर जाना होता तो उन्नाव में एक दो रात रुकना हो जाता था। अब जब छुट्टी ही एक दिन की मिलती है तो सीधा गाँव वाले घर में आराम फरमाना सबसे सुकूनदायक […]

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Second wave Of corona

कोरोना की दूसरी लहर (01) यह 25/26 अप्रैल की शाम के लगभग 4 बजे की बात होगी। ADM सर के पास बैठा चाय पी रहा था, सर फोन पर बात कर रहे थे कोई oxygen bed  के लिए कह रहा था, सर कह रहे थे कि देख रहा हूँ, पर मुश्किल है। ठीक इसी वक्त

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My introduction with libraries

दो शब्द पुस्तकालयों के संदर्भ में  पुस्तकालय से पहला परिचय मौरावां में हुआ, मेरे इंग्लिश की कोचिंग वाले रितेश सर ( गुड्डू भैया ) ने मुझे वहाँ की सदस्यता दिलवा दी। शायद 50 रुपए सदस्यता शुल्क था। बात कक्षा 11 की थी। इसके पहले गांव में यहाँ वहां से इधर उधर की किताबें जुटा कर

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Unnao : a sad truth

उन्नाव उन्नाव फिर से चर्चा में है, मेरी व्यथा यह है कि यह हर बार अपराध के लिए ही राष्टीय स्तर पर चर्चा में आता है। कहते है जन्मभूमि स्वर्ग समान होती है, अपनी मिट्टी से बड़ा लगाव होता है। मेरी तमाम तरह से कोशिश होती है कि उन्नाव , पूरे भारत में बढ़िया चीजों

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STRANGE BUT IT IS TRUE

है न यह विचित्र बात  जैसा कि आपको पता है कि मै अपने मूल जिले से काफी दिनों से दूर रहता आ रहा हूँ . अक्सर जब कही परिचय देना होता है तो मै बताता हूँ कि मेरा जिला कलम व तलवार दोनों का धनी है . उन्नाव  से  सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी , प्रसिद्ध

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