Essay on success in Hindi (1)

विषयः- सफलता योग्यता निर्भीकता और साहस से मिलती है।
                                      आशीष कुमार
स्वामी रामतीर्थ ने सफलता का सूत्र बताते हुये बड़ी अच्छी बात कही है वे कहते हैं कि अपने आपको योग्य बना लो सफलता स्वयंमेव तुम्हारे पास आ जायेगी। विडम्बना है कि आज का मनुष्य सफलता की घोर आकांक्षा रखता है पर योग्यता को जरा भी महत्व नहीं देता है।
इतिहास के किसी भी काल पर नजर डाले तो कोई भी सफल विजेता/शासक में तीन गुण निश्चित तौर पर मिलेंगे । वह योग्य होगा निर्भीक होगा और उसमें साहस कूट कूटकर भरा होगा। वास्तव में सफलता इन्हीें तीन गुणों पर निर्भर करती है। इतिहास में कितनी ही घटनाओं में मिलता है कि मुठ्ठी भर सेना नें हजारों लाखों की सेना पर विजय पायी। वास्तव में भले ही ऐसी सेना भले ही संख्या में कम थी पर उनमें साहस की कमी न थी। उनके सेनानायक निर्भीक थे।
वास्तव में सफलता का मूलमंत्र इन्हीं तीन गुणों पर आधारित है। यह देश काल से परे हैं। अतीत में भी इनका महत्व था। वर्तमान में भी है और भविष्य में भी सफलता इन्हीं गुणों पर निर्भर करेगी।
आज के प्रतिस्पर्धा भरे युग मे सफलता चंद लोगों को ही मिल पाती ज्यादातर व्यक्ति असफल हो जाते हैं। ऐसे असफल अपनी कमियों पर घ्यान न देकर अपनी असफलता का दोष दूसरे पर मढ़ देते हैं। (यह निबंध कुछ दिनों पहले एक पत्रिका के लिए लिखा था कुछ बड़ा है इसलिए तीन भागो में पोस्ट करुगा। सभी मित्रो को होली की हार्दिक शुभकामनाये )

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