First time in restaurant

जीवन में कुछ ऐसी घटनाये होती है जो जेहन से कभी नही उतर पाती . १२ एक town से
पास किया था . graduation करने के लिए अपने जिले के head quarter   में आ गया . यह शहर तो नही था पर मुझे शहर जैसी
ही feeling उन दिनों आती थी
.
मै कुछ भी नही जानता था . हर चीज से डर लगता था . १२ वी के एक और साथ ने भी
मेरे साथ ही admission लिया था . यह बहुत गहरे मित्र थे . इनके बारे में बहुत सी रोचक
बाते है जो आने वाले समय में बताता रहूँगा . आज उनकी ही एक छोटी सी याद …. उनके
लिए कुछ नाम सोचना पड़ेगा .. क्या लिखू .. वो पढाई के साथ साथ कपड़े भी बेचते थे  cycle  पर .. इसलिए आप इनको कपड़े बेचने वाला कह सकते है .

एक दिन जब ये college  में मिले तो अपने एक अनुभव को मुझसे share  किया . पिछली शाम
वो अवस्थी रेस्ट्रोरेन्ट गये थे . हमारे शहर में दो ही रेस्टोरेंट थे एक अवस्थी ,
दूसरा railway station ( Unnao) के सामने मनोरंजन रेस्टोरेंट …
इनके बारे में मेरे कुछ ख्याल थे जैसे कि यह काफी महगे होते है इनमे बड़े लोग
ही जाते है … मै बस सोच कर रह जाता कि शायद 
कभी इनमे मै भी जाकर कुछ खा सकू ..

जब उन साथी ने बताया कि वो बस १० रूपये में २ समोसे खा कर ही रेस्ट्रोरेन्ट का  experience  ले चुके है तो मेरे मन भी रेस्ट्रोरेन्ट में जाने की बड़ी लालसा जागी . साथी
ने बताया कि कैसे  waiter  टेबल पर पानी दिया
और साथी ने उससे news paper  मांग पढ़ा . मैंने उससे कहा कि मुझे भी वो ले चले न
पैसे मै लगा दूंगा . वो हँसते हुए बोला अभी 
चलो इसमें क्या है – साथी के साथ मै भी  restaurant गया . उस दिन न्यूज़ पेपर
तो पढने तो टेबल पर नही मिला पर मेरे लिए बहुत नये अनुभव का दिन था . इस पहले कभी
टेबल पर बैठ कर कुछ भी नही खाया था . गावं में तो दुकान पर खुले में समोसे बिकते
थे और सब खड़े होकर ही समोसे खाया करते थे .

यह  बिलकुल सच्ची कहानी है .. आज मै
सोचता हूँ कि मै कमजोर और दब्बू था .. मन में कितनी हीनता थी उन दिनों . उस दिन से
लेकर आज तक मुझे याद नही कितनी जगह और कितने महगी महगी जगह होटल में खाना खाया पर
वो पहले पहल रेस्टोरेंट में १० रूपये के समोसे जिन्दगी में कभी भुलाये नही जा
सकेगे .

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