करेली व अरहर की दाल

एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा  वैसे ये करेली हैं, इनका स्वाद लाजबाब होता है। अरहर की गाढ़ी दाल, करेली की प्याज वाली बढ़िया खरी खरी सूखी सब्जी व चावल ( अगर थोड़ा चिपचिपे वाले भात बन जाय तो क्या ही पूछना ) ..इस पर बढ़िया शुद्ध देशी घी डालिये और स्वाद का अलौकिक […]

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AAM PAPAD OR AMAVAT

अमावट/आम पापड़  पता नहीं जब आप इसे पढ़ने जा रहे, उससे पहले उक्त शब्दों को सुना है या नहीं। अगर आप गांव देहात से जुड़े है तो आपने अमावट के बारे में जरूर सुना होगा। अमावट यानी जिसको सुनकर ही मुँह में पानी आ जाय, क्या बच्चे क्या जवान सबके मुँह को भाने वाला।  अभी

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गाँव का आनंद

सिके हुए दो भुट्टे सामने आए तबियत खिल गयी ताज़ा स्वाद मिला दूधिया दानों का तबियत खिल गयी दाँतो की मौजूदगी का सुफल मिला तबियत खिल गयी बाबा नागार्जुन की एक कविता धीमी आंच में नरम नरम , नमक के व नींबू के साथ

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FRIENDSHIP DAY

आज किसी ने फ़्रेंड्स डे के लिए व्हाट्स एप पर विश किया तब ही याद आया इसके बारे में। इन दिनों इतने दिन मनाये जाने लगे हैं कि आये दिन कुछ न कुछ होता ही है। मित्रता दिवस पर एक बात याद आ गयी। पिछले साल की बात होगी। मेरे फोन पर एक कॉल आयी।

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AKELE ME

अकेले में  पहले के दिनों में जब भी अकेले होता मिलता स्व से  करता चिंतन, मनन व आत्मावलोकन। इन दिनों जबकि मैं  आपके प्रेम में हूँ, अकेले में मेरे विचारों  का क्रेंदबिंदु केवल व केवल आपका ही ख्याल आता हैं। अकेले में  बुनता हूँ तुमसे जुड़े  तमाम ख्वाब हवा देता हूँ  तमाम कल्पनाओं को अकेले

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No

तुम्हारी ‘न ‘ प्रिय अगर तुम मापना चाहो  मेरे प्रेम की हद तो सुनो ये जो मजाक में भी जो तुम मुझे  अस्वीकार करती हो या कह देती हो ‘नहीं’  यह मुझे गहरे तक  उदास कर जाता है, पल में लगती हो कि तुम कितनी अजनबी जैसे कि मेरा कोई हक  न बाकी रहा हो। ©

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तुम से दूर

यहाँ तुम से दूर  मैंने यहाँ  तुम से बहुत दूर आकर जाना  कि तुम मेरे लिए  क्या हो, यहाँ इतनी दूर आकर ही समझा कि तुम ही समझती हो मुझे सबसे बेहतर । यहाँ आकर  लगा कि जैसे कोई मरते वक्त याद करता है अपने सबसे करीबी को वैसे ही तुम मुझे याद आयी। यही

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HAA TUM

हाँ बस तुम  तुम हाँ बस तुम हर वक़्त तुम तुम्हारी बातें तुम्हारी ही यादें  तुम समझो मुझे  कि कितना गहरा प्रेम बस तुम से, तुम ही हो मेरी सोच का  क्रेंद् मेरे अहसास का बिंदु ©आशीष कुमार, उन्नाव

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love at corona time

कोरोना के समय प्रेम  प्रिय मैंने कभी न सोचा था कि मुझे करनी पड़ेगी  इतनी लंबी प्रतीक्षा गिनना पढ़ेगा क्षणों को याद करता हूँ जब जब पुरानी मुलाकातों को बहुत याद आती है तुम्हारी हर पल चेहरे पर खिलने वाली मुस्कान  याद आता है  उन पलों का सबसे खास हिस्सा जब हम डूबे रहते थे

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ummid ki rakhi

उम्मीद की राखी नई दिल्ली जिला प्रशासन ने कोरोना के दौरान बेरोजगार हुए लोगों की मदद के लिए अनूठी पहल की है।’उम्मीद की राखी ‘ नाम से चलाए जा रहे अभियान में स्वयं सहायता समूह की Womens को राखी बनाने के लिए कच्चा माल, जरूरी प्रशिक्षण व बिक्री के लिए महत्वपूर्ण जगहों पर उनकी दुकान

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