मंजूषा : प्रेमचंद की सर्वश्रेस्ठ कहानियाँ ( अम्रतराय द्वारा सम्पादित )
- कफन
- पूस की रात
- बूढी काकी
- ईदगाह
- गुल्ली डंडा
- बड़े घर की बेटी
- सदगति
- निमंत्रण
- सभ्यता का रहस्य
- अल्गोझ्या
- नया विवाह
- रानी सारंधा
- शतरंज के खिलाडी
- मुफ्त का यश
- दूध का दाम
- गिला
‘ हर एक काल्पनिक रचना में मौलिक सत्य मौजूद रहता है। ”
प्रेमचंद ने अपनी कहानीयों में किसी न किसी मनोवैज्ञानिक रहष्य को खोलने का प्रयास किया। वह कहानी के माध्यम से सत्य , निस्वार्थ सेवा , न्याय आदि देवत्त्व के जो अंश है वो जगाना चाहते थे। वह मानते थे कि सांस्कृतिक विकास के लिए सरल साहित्य उत्तम कोई साधन नही है। इस लिए उनकी कहानियों में भाषागत सरलता है। सरल शब्द , सरल वाक्य -विन्यास , इसके चलते वह अपने पाठको से सहजता से संवाद कर पाते है। भाषा सरल , सजीव और व्यवहारिक। अंग्रेजी , फ़ारसी तथा उर्दू के प्रचलित शब्दों का प्रयोग। भाषा का सटीक , सार्थक और व्यंजनपूर्ण प्रयोग।
- अधिकतर कहानियों में निम्न व माध्यम वर्ग का चित्रण
- विषय और शिल्प की विविधता
- किसान , मजदूर , दलित आदि की समस्याओ का मार्मिक चित्रण
- युग प्रवर्तक रचनाकार
- पात्र अक्सर वर्ग के प्रतिनिधि के तौर पर आते है
- हिंदी कथा साहित्य को मनोरंजन के स्तर से उठाकर जीवन की अनुभूितियों से जोड़ते है

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